Wednesday, October 17, 2007

हर ज़मी पर हरेक मौसम में,
हर तरह की फ़सल नहीं होती ,
प्यार जिनके दिलों से गायब हो ,
उनसे कोई ग़ज़ल नहीं होती /

सन्देश त्यागी